"मेरे बच्चे को सिखाएँ' पाठ का यह अंश पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर लिखें।
हो सके तो उन्हें यह ज़रूर सिखाएँ कि मेहनत से कमाया एक पैसा भी हराम में मिली नोटों की गड्डी से कहीं अधिक मूल्यवान होता है। उसे हारना सिखाएँ और जीत में खुश होना भी सिखाएँ।
▲ हराम में मिली नोटों की गड्डी से अधिक मूल्य किसका है?
क) मुफ्त में मिले पैसे का।
ख) मेहनत से कमाए पैसे का।
ग) कर्ज लिए पैसे का।
घ) परंपरा से प्राप्त पैसे का।
उत्तर : मेहनत से कमाए पैसे का।
▲ पैसा कमाने के संबन्ध में अब्रहाम लिंकन का मत क्या है?
लिंकन के मत में मेहनत करके पैसा कमाना चाहिए। मेहनत से कमाया धन ही मूल्यवान होता है। वही धन ही शाश्वत रहेगा। धन कमाने केलिए अपनी आत्मा और अपने ईमान को कभी नष्ट न करें।
▲ परिश्रम का महत्व विषय पर संकेतों के आधार पर लघु लेख लिखें। परिश्रम की आवश्यकता
◼️ परिश्रम का फल
◼️ परिश्रम और महापुरुष
उत्तर:
परिश्रम का महत्व
परिश्रम एक ऐसा गुण है जो सफलता का मूलमंत्र है। मनुष्य सामाजिक प्राणि है। इसलिए अपनी और समाज की उन्नति केलिए उसे परिश्रम करना चाहिए। परिश्रम और सफलता में अटूट संबन्ध है। परिश्रम करनेवाला ही सफल होता है। सामाजिक, राजनैतिक, शैक्षिक, साहित्यिक, औद्योगिक आदि सभी क्षेत्रों में परिश्रम से ही प्रगति मिलती है। हमारे व्यकितत्व को सँवारने में और हमें स्वावलंबी बनाने में इसका बडा हिस्सा होता है। दुनिया के महान लोग परिश्रम से ही जीवन में उन्नति पाये हैं। इसलिए हमें भी सार्थक परिश्रम करना चाहिए।
हो सके तो उन्हें यह ज़रूर सिखाएँ कि मेहनत से कमाया एक पैसा भी हराम में मिली नोटों की गड्डी से कहीं अधिक मूल्यवान होता है। उसे हारना सिखाएँ और जीत में खुश होना भी सिखाएँ।
▲ हराम में मिली नोटों की गड्डी से अधिक मूल्य किसका है?
क) मुफ्त में मिले पैसे का।
ख) मेहनत से कमाए पैसे का।
ग) कर्ज लिए पैसे का।
घ) परंपरा से प्राप्त पैसे का।
उत्तर : मेहनत से कमाए पैसे का।
▲ पैसा कमाने के संबन्ध में अब्रहाम लिंकन का मत क्या है?
लिंकन के मत में मेहनत करके पैसा कमाना चाहिए। मेहनत से कमाया धन ही मूल्यवान होता है। वही धन ही शाश्वत रहेगा। धन कमाने केलिए अपनी आत्मा और अपने ईमान को कभी नष्ट न करें।
▲ परिश्रम का महत्व विषय पर संकेतों के आधार पर लघु लेख लिखें। परिश्रम की आवश्यकता
◼️ परिश्रम का फल
◼️ परिश्रम और महापुरुष
उत्तर:
परिश्रम का महत्व
परिश्रम एक ऐसा गुण है जो सफलता का मूलमंत्र है। मनुष्य सामाजिक प्राणि है। इसलिए अपनी और समाज की उन्नति केलिए उसे परिश्रम करना चाहिए। परिश्रम और सफलता में अटूट संबन्ध है। परिश्रम करनेवाला ही सफल होता है। सामाजिक, राजनैतिक, शैक्षिक, साहित्यिक, औद्योगिक आदि सभी क्षेत्रों में परिश्रम से ही प्रगति मिलती है। हमारे व्यकितत्व को सँवारने में और हमें स्वावलंबी बनाने में इसका बडा हिस्सा होता है। दुनिया के महान लोग परिश्रम से ही जीवन में उन्नति पाये हैं। इसलिए हमें भी सार्थक परिश्रम करना चाहिए।
Easy to learn so easy
ReplyDelete