▲ ठाकुर का कुआँ
प्रेमचन्द के बारे में एक लघु लेख लिखें। (പ്രേംചന്ദിനെക്കുറിച്ച്
ലഘുലേഖനം എഴുതാം.)
प्रेमचन्द हिन्दी के सबसे समर्थ उपन्यासकार और कहानीकार हैं।
धनपतराय,
नवाबराय आदि नामों से भी वे जाने जाते हैं। निम्न वर्ग के कायस्थ परिवार में १८८०-को उनका जन्म हुआ।
हिन्दी-उर्दु के मिश्रण करके हिन्दुस्तानी भाषा में आपने रचनाएँ की।
"मानसरोवर' उनकी कहानियों का संकलन है। आठ भागों में प्रकाश्ति इसमें तीन सौ कहानियाँ संकलित हैं।
उनके दस
उपन्यास हैं - प्रतिज्ञा, वरदान, सेवासदन, प्रेमाश्रम, निर्मला, रंगभूमि, कायाकल्प, गबन, कर्मभूमि और गोदान।
"मंगलसूत्र' उनका अपूर्ण उपन्यास है।
प्रेमचन्द को हिन्दी के उपन्यास-सम्राट कहा जाता है। हिन्दी कथा
साहित्य में वे, यथार्थवाद के प्रवर्तक थे। उन्होंने हिन्दी कथा को भारतीय जीवन से जोड़ा। मुंशी प्रेमचन्द
प्रगतिशील लेखक थे। उन्होंने बाल विवाह, अनमेल विवाह, दहेज प्रथा आदि दोषों को दूर करने केलिए अनेक उपन्यास
लिखे।
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