I. सूचना: "गुठली तो पराई है' कहानी का अंश पढ़ें और अनुबद्ध प्रश्नों के उत्तर लिखें।
जैसे-तैसे पूजा-पाठ के बाद कार्ड हाथ में आया तो गुठली का मुँह उतर गया। वह ताऊजी के पास जाकर बोली, ""देखिए भइया मेरा नाम कार्ड में छपवाना भूल गया?'' ताऊजी बोले, ""भूला नहीं है रे... अपने घर की छोरीयों के नाम कार्ड पर नहीं छपते।'' गुठली, ""पर ताऊजी उसमें भइया के छोटे-से-बेटे का भी नाम है जो अभी बोल भी नहीं सकता तो मेरा...।''
1."लडकी' शब्द का समानार्थक शब्द खण्ड से चुनकर लिखें।
उत्तर : छोरी
2. "अपने घर की छोरियों के नाम कार्ड पर नहीं छपते'- ताऊजी के इस कथन पर आपकी राय क्या है?
उत्तर : ताऊजी के इस कथन से मैं सहमत नहीं हूँ।
यह वाक्य लड़की-लड़के भेद-भाव की ओर संकेत करता हैं। हमारे समाज में लड़कों को अपने घर में अधिक स्थान दिया जाता है । लड़कियों को कोई अधिकार नहीं । हमारे परिवार और समाज में लडके- लडकियों को समानता का अधिकार देना चाहिए।
3. कहानी में किस विषय की ओर संकेत है?
उत्तर : वर्तमान समाज में स्त्री- पुरुष समता का अभाव ।
4. गुठली दुखी हुई थी। वह अपने मन की बातों को पत्र के ज़रिए सहेली से बताना चाहती है। सहेली के नाम गुठली का पत्र कल्पना करके लिखें।
उत्तर : स्थान,
तारीख।
प्रिय सहेली,
नमस्कार। तुम कैसी हो ? ठीक है न?
कुछ दिनों से तुम्हें एक पत्र लिखने के विचार में हूँ । इसलिए यह चिट्ठी लिख रही हूँ । मेरे मन में यह विचार है कि क्या हमारे समाज में लड़का- लड़की एक समान नहीं है? अपने घर के लोग मुझे पराई मानते हैं। मेरी बुआ हमेशा कहती हैं कि यह मेरा घर नहीं है। मैं और किसी का अमानत हूँ। क्या यह सही है? क्या हमें भी अपने भाईयों की तरह अपने घर में रहने का अधिकार नहीं ? तुम्हारे माता -पिता सकुशल हैं न? उनको मेरा नमस्कार कहना। इतना लिखकर पत्र समाप्त करती हूँ। धन्यवाद।
तुम्हारी सहेली
सेवा में, गुठली
नाम और पता
जैसे-तैसे पूजा-पाठ के बाद कार्ड हाथ में आया तो गुठली का मुँह उतर गया। वह ताऊजी के पास जाकर बोली, ""देखिए भइया मेरा नाम कार्ड में छपवाना भूल गया?'' ताऊजी बोले, ""भूला नहीं है रे... अपने घर की छोरीयों के नाम कार्ड पर नहीं छपते।'' गुठली, ""पर ताऊजी उसमें भइया के छोटे-से-बेटे का भी नाम है जो अभी बोल भी नहीं सकता तो मेरा...।''
1."लडकी' शब्द का समानार्थक शब्द खण्ड से चुनकर लिखें।
उत्तर : छोरी
2. "अपने घर की छोरियों के नाम कार्ड पर नहीं छपते'- ताऊजी के इस कथन पर आपकी राय क्या है?
उत्तर : ताऊजी के इस कथन से मैं सहमत नहीं हूँ।
यह वाक्य लड़की-लड़के भेद-भाव की ओर संकेत करता हैं। हमारे समाज में लड़कों को अपने घर में अधिक स्थान दिया जाता है । लड़कियों को कोई अधिकार नहीं । हमारे परिवार और समाज में लडके- लडकियों को समानता का अधिकार देना चाहिए।
3. कहानी में किस विषय की ओर संकेत है?
उत्तर : वर्तमान समाज में स्त्री- पुरुष समता का अभाव ।
4. गुठली दुखी हुई थी। वह अपने मन की बातों को पत्र के ज़रिए सहेली से बताना चाहती है। सहेली के नाम गुठली का पत्र कल्पना करके लिखें।
उत्तर : स्थान,
तारीख।
प्रिय सहेली,
नमस्कार। तुम कैसी हो ? ठीक है न?
कुछ दिनों से तुम्हें एक पत्र लिखने के विचार में हूँ । इसलिए यह चिट्ठी लिख रही हूँ । मेरे मन में यह विचार है कि क्या हमारे समाज में लड़का- लड़की एक समान नहीं है? अपने घर के लोग मुझे पराई मानते हैं। मेरी बुआ हमेशा कहती हैं कि यह मेरा घर नहीं है। मैं और किसी का अमानत हूँ। क्या यह सही है? क्या हमें भी अपने भाईयों की तरह अपने घर में रहने का अधिकार नहीं ? तुम्हारे माता -पिता सकुशल हैं न? उनको मेरा नमस्कार कहना। इतना लिखकर पत्र समाप्त करती हूँ। धन्यवाद।
तुम्हारी सहेली
सेवा में, गुठली
नाम और पता
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